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Districta dministration took strict action faculty member's service terminated

  64 ग्राम पंचायतों में 16 लाख से अधिक की वित्तीय अनियमितता, जिला प्रशासन ने की सख्त कार्रवाई – संकाय सदस्य की सेवा समाप्त





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छत्तीसगढ़ में सुशासन और पारदर्शिता को बढ़ावा देने के उद्देश्य से चलाए जा रहे “सुशासन तिहार” कार्यक्रम के अंतर्गत एक बड़ी वित्तीय अनियमितता सामने आई है। मुंगेली जिले के विभिन्न ग्राम पंचायतों में डिजिटल सिग्नेचर के दुरुपयोग से 16 लाख रुपये से अधिक की राशि का अनियमित भुगतान किए जाने के मामले में जिला प्रशासन ने सख्त कदम उठाते हुए दोषी पाए गए संकाय सदस्य श्री अनिल अमादिया की सेवा तत्काल प्रभाव से समाप्त कर दी है।

क्या है पूरा मामला

जिला पंचायत मुंगेली के अंतर्गत आने वाले जनपद पंचायत पथरिया क्षेत्र की 64 ग्राम पंचायतों में “सुशासन तिहार” के नाम पर 16 लाख 09 हजार 700 रुपये का भुगतान किया गया। जांच में पाया गया कि यह भुगतान बिना पंचायत प्रस्ताव की स्वीकृति और बिना वैध प्रक्रिया के किया गया। यह कार्रवाई वित्तीय अनियमितता के अंतर्गत आती है और इससे सरकारी कोष को नुकसान पहुंचा।

कैसे हुई अनियमितता

जांच रिपोर्ट के अनुसार संकाय सदस्य श्री अनिल अमादिया ने ई-ग्राम स्वराज पोर्टल पर गंभीर तकनीकी गड़बड़ी करते हुए ग्राम पंचायतों के आधिकारिक ई-मेल की जगह जनपद पंचायत का ई-मेल दर्ज किया। इसके परिणामस्वरूप, भुगतान के लिए आवश्यक ओटीपी जनपद पंचायत के ई-मेल पर आने लगे और उसी के माध्यम से भुगतान की प्रक्रिया पूरी की गई। इस तरीके से डिजिटल सिग्नेचर का दुरुपयोग करते हुए भुगतान किए गए, जो वित्तीय पारदर्शिता और ई-गवर्नेंस की पूरी प्रणाली के खिलाफ है।

जांच समिति की कार्रवाई

जांच की प्रारंभिक रिपोर्ट में ही अनियमित भुगतान की पुष्टि हो गई थी। इसके बाद विस्तृत जांच समिति गठित की गई। जांच के दौरान यह स्पष्ट हो गया कि पूरे मामले में नियमों को ताक पर रखकर भुगतान किया गया। रिपोर्ट के आधार पर दोषी पाए जाने पर जिला कलेक्टर श्री कुंदन कुमार के निर्देशानुसार जिला पंचायत सीईओ श्री प्रभाकर पांडेय ने संकाय सदस्य श्री अनिल अमादिया को कारण बताओ नोटिस जारी किया।

नोटिस का जवाब असंतोषजनक

जारी किए गए कारण बताओ नोटिस के जवाब में श्री अमादिया द्वारा दिया गया स्पष्टीकरण संतोषजनक नहीं पाया गया। शासन के निर्देशों और जांच समिति की विस्तृत रिपोर्ट के आधार पर छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (संविदा नियुक्ति) नियम 2012 के तहत श्री अमादिया की सेवाएं तत्काल प्रभाव से समाप्त कर दी गईं।

प्रशासन का स्पष्ट संदेश

जिला प्रशासन ने इस कार्रवाई के माध्यम से यह स्पष्ट कर दिया है कि सरकारी कार्यक्रमों और वित्तीय लेनदेन में किसी भी प्रकार की लापरवाही या गड़बड़ी बर्दाश्त नहीं की जाएगी। “सुशासन तिहार” जैसे कार्यक्रम जनता तक सरकारी योजनाओं का पारदर्शी लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से चलाए जाते हैं, और इस तरह की अनियमितताएं न केवल सरकारी धन का दुरुपयोग हैं बल्कि कार्यक्रम की साख पर भी सवाल उठाते हैं।

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भविष्य के लिए कड़ा कदम

इस मामले के सामने आने के बाद जिला प्रशासन ने यह भी स्पष्ट किया कि भविष्य में इस प्रकार की अनियमितताओं पर रोक लगाने के लिए डिजिटल प्रक्रिया में और अधिक पारदर्शिता लाने के कदम उठाए जाएंगे। साथ ही पंचायत स्तर पर वित्तीय प्रक्रियाओं के प्रशिक्षण और मॉनिटरिंग को और मजबूत किया जाएगा।

इस कार्रवाई को सुशासन और जवाबदेही की दिशा में एक बड़े कदम के रूप में देखा जा रहा है। प्रशासन की इस सख्त कार्रवाई ने यह संदेश दिया है कि सरकारी व्यवस्था में किसी भी प्रकार की वित्तीय अनियमितता पर तुरंत और कठोर कदम उठाए जाएंगे।

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