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Mitanins' agitation was suspended after talks with Health Secretary Shri Amit Kataria

 स्वास्थ्य सचिव श्री अमित कटारिया से बातचीत के बाद मितानिनों का आंदोलन स्थगित






रायपुर, 09 सितंबर 2025।
छत्तीसगढ़ में लंबे समय से अपनी मांगों को लेकर संघर्षरत मितानिन कार्यकर्ताओं और प्रशिक्षकों को बड़ी राहत मिली है। सोमवार को राजधानी रायपुर स्थित मंत्रालय में प्रदेश स्वास्थ्य सचिव श्री अमित कटारिया से हुई सकारात्मक चर्चा के बाद प्रदेश स्वास्थ्य मितानिन संघ एवं प्रशिक्षक कल्याण संघ छत्तीसगढ़ ने अपना आंदोलन फिलहाल स्थगित करने की घोषणा कर दी।

बैठक में स्वास्थ्य सचिव ने प्रतिनिधिमंडल को आश्वस्त किया कि मितानिनों को मानदेय राशि में 50 प्रतिशत की वृद्धि का प्रस्ताव राज्य शासन को भेज दिया गया है। इसके साथ ही प्रशिक्षकों, हेल्प डेस्क फैसिलिटेटर और ब्लॉक समन्वयकों के मानदेय को लेकर भी ठोस प्रगति हुई है।


बैठक में हुई मुख्य चर्चा

बैठक में मितानिन संघ के प्रदेश प्रतिनिधियों के साथ सचिव स्वास्थ्य श्री अमित कटारिया, आयुक्त सह मिशन संचालक डॉ. प्रियंका शुक्ला और मितानिन कार्यक्रम के नोडल अधिकारी डॉ. अजय शंकर कन्नौजे भी उपस्थित रहे।

  • प्रशिक्षकों के लिए 16 रुपये प्रतिदिन की दर से भुगतान तय करने पर सहमति बनी।

  • हेल्प डेस्क फैसिलिटेटर को 23 रुपये प्रतिदिन देने का प्रस्ताव रखा गया।

  • ब्लॉक समन्वयकों के लिए 1875 रुपये प्रतिमाह मानदेय निर्धारित करने पर चर्चा हुई।

इन प्रस्तावों को लेकर सचिव ने कहा कि राज्य शासन स्तर पर निर्णय की प्रक्रिया अंतिम चरण में है और जल्द ही इसका औपचारिक आदेश जारी होगा।


SHSRC का गठन, अब नई व्यवस्था में होगा संचालन

स्वास्थ्य सचिव ने यह भी स्पष्ट किया कि चूंकि पूर्व में मितानिन कार्यक्रम का संचालन करने वाली संस्था का कार्यकाल समाप्त हो गया है, इसलिए अब भारत सरकार की गाइडलाइन के अनुसार State Health Systems Resource Centre (SHSRC) का गठन किया गया है।

  • SHSRC की सामान्य सभा के अध्यक्ष स्वास्थ्य सचिव होंगे।

  • इसकी कार्यकारी समिति का नेतृत्व स्वास्थ्य आयुक्त करेंगे।

  • इस नयी संरचना के माध्यम से पूरे प्रदेश में मितानिन कार्यक्रम का संचालन और निगरानी की जाएगी।

इस व्यवस्था से मितानिनों को प्रशिक्षण, मानदेय भुगतान और कार्य सुविधा को लेकर ज्यादा पारदर्शिता और स्थायित्व मिलने की उम्मीद है।


आंदोलन स्थगित करने का निर्णय

मितानिन संघ की प्रतिनिधि टीम ने सचिव के सकारात्मक रुख और मांगों पर ठोस कार्यवाही के आश्वासन को देखते हुए आंदोलन को स्थगित करने का निर्णय लिया। प्रतिनिधियों ने कहा कि शासन ने पहली बार उनकी समस्याओं पर गंभीरता से ध्यान दिया है और यदि जल्द आदेश जारी होते हैं तो हजारों मितानिनों और प्रशिक्षकों को सीधा लाभ मिलेगा।

संघ के पदाधिकारियों ने यह भी कहा कि वे अब आगे शासन की घोषणाओं पर नजर रखेंगे। यदि तय समय पर आदेश लागू नहीं हुआ तो आंदोलन फिर से शुरू किया जाएगा।


मितानिन कार्यक्रम का महत्व

छत्तीसगढ़ में मितानिन स्वास्थ्य कार्यकर्ता ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में समुदाय स्तर पर प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाओं की रीढ़ मानी जाती हैं।

  • वे गर्भवती महिलाओं की देखभाल, नवजात शिशुओं को स्वास्थ्य सेवाएं, टीकाकरण में सहयोग और विभिन्न सरकारी योजनाओं का लाभ लोगों तक पहुंचाती हैं।

  • कोविड-19 महामारी के दौरान भी मितानिनों ने गांव-गांव जाकर जागरूकता फैलाने और स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।

राज्य में इस समय हजारों मितानिनें कार्यरत हैं, जो ग्रामीण स्वास्थ्य व्यवस्था की सबसे अहम कड़ी हैं।


भविष्य की दिशा

बैठक में तय प्रस्ताव लागू होते ही मितानिनों का मानदेय बढ़ने से उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार होगा। साथ ही प्रशिक्षकों और समन्वयकों को भी नियमित भुगतान मिलने से कार्यक्रम की कार्यक्षमता और बेहतर होगी।

स्वास्थ्य सचिव ने कहा कि सरकार मितानिनों की भूमिका को समझती है और उनके योगदान का सम्मान करते हुए उन्हें हर संभव सहयोग देने के लिए प्रतिबद्ध है।

संघ के प्रतिनिधियों ने भी उम्मीद जताई कि इस बार केवल आश्वासन नहीं, बल्कि जल्द ही ठोस निर्णय सामने आएगा, जिससे प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूती मिलेगी और मितानिनों का मनोबल भी बढ़ेगा।

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