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Gersa dam damaged, Collector-SP reached the spot, instructions to give compensation to farmers

 गेरसा बांध क्षतिग्रस्त, कलेक्टर-एसपी मौके पर पहुंचे, किसानों को मुआवजा दिलाने के निर्देश




अम्बिकापुर, 06 सितम्बर 2025।
सरगुजा जिले के लुंड्रा तहसील अंतर्गत ग्राम पंचायत गेरसा स्थित गेरसा बांध शनिवार 6 सितम्बर की सुबह अचानक क्षतिग्रस्त हो गया। सुबह करीब 10 बजे बांध की दाईं फ्लैंक में दरारें आने और मिट्टी धंसने से 25 से 30 मीटर तक का हिस्सा टूट गया। इससे लगातार पानी का रिसाव शुरू हो गया। घटना की सूचना मिलते ही जिला प्रशासन हरकत में आया और कलेक्टर श्री विलास भोसकर, पुलिस अधीक्षक श्री राजेश अग्रवाल तथा जिला पंचायत सीईओ श्री विनय कुमार अग्रवाल सहित वरिष्ठ अधिकारी मौके पर पहुंचे।

कलेक्टर ने दिए त्वरित निर्देश

कलेक्टर ने बांध स्थल का निरीक्षण कर अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि क्षतिग्रस्त हिस्से की तत्काल बैरिकेडिंग कर क्षेत्र को सुरक्षित बनाया जाए। उन्होंने कहा कि आसपास के गांवों में मुनादी कराकर ग्रामीणों को अलर्ट किया जाए, ताकि जान-माल की हानि से बचा जा सके। प्रभावित किसानों की फसल का त्वरित सर्वे कराया जाए और मुआवजा भुगतान की कार्यवाही शीघ्र प्रारंभ हो।

कलेक्टर ने मौके पर उपस्थित ग्रामीणों से बातचीत की और उन्हें आश्वस्त किया कि शासन-प्रशासन हर संभव मदद करेगा। उन्होंने कहा कि किसानों को हुए नुकसान की भरपाई प्राथमिकता से की जाएगी। साथ ही, प्रभावित क्षेत्र में मछली पकड़ने की गतिविधियों पर तत्काल रोक लगाने के निर्देश दिए गए।

बांध की तकनीकी जांच और मरम्मत कार्ययोजना

कलेक्टर ने जल संसाधन विभाग और राज्य बांध सुरक्षा संगठन के अधिकारियों को निर्देश दिए कि क्षतिग्रस्त हिस्से की तकनीकी जांच तुरंत की जाए। इसके लिए विस्तृत कार्ययोजना तैयार कर मरम्मत, कंक्रीटिंग और कटिंग कार्य शीघ्र प्रारंभ किया जाए। मुख्य अभियंता श्री अरुण बाडियें और कार्यपालन अभियंता श्री अशोक निरंजन ने बताया कि बांध की संरचना का मूल्यांकन कर आवश्यक सुरक्षा उपाय लागू किए जाएंगे।

गांवों में सतर्कता बढ़ाई गई

प्रशासन की ओर से आसपास के गांवों में ढोल-नगाड़े बजाकर और मुनादी कराकर लोगों को सतर्क रहने की अपील की गई है। ग्रामीणों को निचले इलाकों में जाने से रोक दिया गया है। पुलिस बल को भी चौकसी बढ़ाने के लिए तैनात किया गया है।

किसानों की फसल को हुआ नुकसान

गेरसा बांध से करीब 142 हेक्टेयर भूमि की सिंचाई होती है। इसमें खरीफ और रबी दोनों सीजन की फसलें शामिल हैं। बांध क्षतिग्रस्त होने से धान सहित अन्य फसलों पर असर पड़ने की आशंका जताई जा रही है। प्रशासन ने त्वरित सर्वे दल गठित कर दिया है, जो गांव-गांव जाकर फसलों की क्षति का आकलन करेगा। कलेक्टर ने कहा है कि किसी भी किसान को नुकसान की भरपाई से वंचित नहीं रहने दिया जाएगा।

गेरसा बांध का इतिहास और महत्व

गौरतलब है कि गेरसा बांध वर्ष 1990 में लघु सिंचाई योजना के तहत निर्मित हुआ था। इसकी अधिकतम ऊँचाई 24 मीटर है और कैचमेंट क्षेत्रफल 1.95 वर्ग किलोमीटर है। जलभराव की क्षमता 0.96 एमसीएम है। घटना के समय बांध में लगभग 0.15 एमसीएम पानी भरा हुआ था। हालांकि पानी का स्तर अधिक न होने से बड़ी तबाही टल गई, लेकिन रिसाव जारी रहने से निचले हिस्सों में खतरा बना हुआ है।

ग्रामीणों की मौजूदगी और चिंता

घटना की जानकारी मिलते ही बड़ी संख्या में ग्रामीण मौके पर पहुंच गए। लोगों ने प्रशासन से बांध की तुरंत मरम्मत और सुरक्षा उपायों की मांग की। ग्रामीणों ने बताया कि यह बांध उनकी खेती का प्रमुख साधन है। यदि समय पर इसकी मरम्मत नहीं हुई तो भविष्य में सिंचाई पर गंभीर असर पड़ेगा।

प्रशासन की सक्रियता

निरीक्षण के दौरान कलेक्टर श्री विलास भोसकर, पुलिस अधीक्षक श्री राजेश अग्रवाल, जिला पंचायत सीईओ श्री विनय अग्रवाल, एसडीएम श्री जे.यू. शतरंज, राज्य बांध सुरक्षा संगठन रायपुर से मुख्य अभियंता श्री अरुण बाडियें, जल संसाधन विभाग के कार्यपालन अभियंता श्री अशोक निरंजन सहित बड़ी संख्या में अधिकारी और कर्मचारी मौजूद रहे।

कलेक्टर ने अधिकारियों से कहा कि मरम्मत कार्य की गति तेज की जाए और किसानों को किसी भी तरह की असुविधा न हो। उन्होंने चेतावनी दी कि लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

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