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Executive Engineer of Public Health Engineering Department clarified, the news of making the suspended officer in-charge EE is wrong

लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के कार्यपालन अभियंता ने दी सफाई, निलंबित अधिकारी को प्रभारी ईई बनाने की खबर गलत







बलरामपुर, 01 सितम्बर 2025।
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग (पीएचई) बलरामपुर इन दिनों एक विवादित समाचार को लेकर चर्चा में रहा। हाल ही में कुछ समाचार पत्रों एवं अन्य माध्यमों में यह खबर प्रकाशित हुई कि ‘‘पीएचई के निलंबित अभियंता को बना दिया प्रभारी ईई, आनन-फानन में सीई ने बदला आदेश’’। इस खबर ने विभागीय स्तर पर भ्रम की स्थिति उत्पन्न कर दी। मामले को गंभीरता से लेते हुए लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग बलरामपुर के कार्यपालन अभियंता ने आधिकारिक तौर पर स्पष्टीकरण जारी किया और स्पष्ट किया कि प्रकाशित खबर तथ्यहीन एवं भ्रामक है।

क्या था मामला?

प्रकाशित समाचार में दावा किया गया था कि विभाग के निलंबित अधीक्षण अभियंता को बलरामपुर का प्रभारी कार्यपालन अभियंता (ईई) बना दिया गया है। इसके बाद विभागीय स्तर पर आदेश बदलने की बात कही गई थी। इस सूचना ने न केवल आम लोगों बल्कि विभागीय कर्मचारियों के बीच भी शंका उत्पन्न कर दी।

कार्यपालन अभियंता का स्पष्टीकरण

बलरामपुर पीएचई के कार्यपालन अभियंता ने स्थिति स्पष्ट करते हुए कहा कि यह खबर पूरी तरह से तथ्यों पर आधारित नहीं है। उन्होंने जानकारी दी कि मुख्य अभियंता द्वारा ऐसा कोई आदेश जारी नहीं किया गया था जिसमें एक वर्ष पूर्व निलंबित किए गए अधीक्षण अभियंता को बलरामपुर का प्रभारी ईई बनाने की बात हो।

उन्होंने बताया कि श्री सी.बी. सिंह, जो निलंबन के बाद कार्यालय में संलग्न रहे हैं, उन्होंने कभी भी खंड कार्यालय का प्रभार नहीं लिया और न ही कार्यालयीन दायित्वों का निर्वहन किया। यह केवल एक टंकण त्रुटि (टाइपिंग एरर) थी, जिसे तुरंत निरस्त कर दिया गया।

किसे दिया गया वास्तविक प्रभार?

विभागीय जानकारी के अनुसार, वास्तविक आदेश में बलरामपुर का अतिरिक्त प्रभार जशपुर के कार्यपालन अभियंता श्री एस.बी. सिंह को सौंपा गया है। यानि निलंबित अधिकारी को किसी भी प्रकार का प्रभार सौंपने का प्रश्न ही उत्पन्न नहीं होता।

कलेक्टर की बैठक को लेकर भी सफाई

कुछ समाचारों में यह भी उल्लेख किया गया था कि इस मामले पर कलेक्टर द्वारा समय-सीमा की बैठक में चर्चा की गई। इस पर विभागीय कार्यपालन अभियंता ने स्पष्ट किया कि इस विषय पर कलेक्टर की बैठक में कोई चर्चा नहीं हुई है। यह जानकारी भी पूरी तरह से निराधार है।

पूर्व ईई के निलंबन की खबर भी गलत

विभाग ने यह भी स्पष्ट किया कि बलरामपुर के पूर्व कार्यपालन अभियंता श्री आदित्य प्रताप सिंह को निलंबित नहीं किया गया है। इस संबंध में भी भ्रामक जानकारी प्रसारित की गई थी।

मीडिया रिपोर्ट पर आपत्ति

पीएचई विभाग के कार्यपालन अभियंता ने कहा कि प्रकाशित समाचार में जानकारी का गंभीर अभाव था और तथ्यों की पुष्टि किए बिना रिपोर्ट छापी गई। उन्होंने बताया कि न तो विभाग से किसी भी प्रकार का संपर्क किया गया और न ही आधिकारिक सूचना के आधार पर खबर तैयार की गई। इससे न केवल विभागीय कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े हुए, बल्कि कर्मचारियों और आम जनता के बीच अनावश्यक भ्रम की स्थिति बनी।

विभाग का आग्रह

विभाग ने सभी मीडिया संस्थानों से अपील की है कि संवेदनशील और प्रशासनिक मामलों से जुड़ी खबरों को प्रकाशित करने से पूर्व विभागीय अधिकारियों से जानकारी अवश्य प्राप्त करें। इससे न केवल गलतफहमी से बचा जा सकेगा, बल्कि जनता तक सही और तथ्यपूर्ण जानकारी पहुंचेगी।

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