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Forest department takes big action, crackdown on poachers – one accused arrested, 12 absconding

 वन विभाग की बड़ी कार्रवाई, अवैध शिकारियों पर शिकंजा – एक आरोपी गिरफ्तार, 12 फरार






रायपुर, 27 अगस्त 2025
छत्तीसगढ़ में वन्यजीव संरक्षण को लेकर सरकार और विभाग द्वारा लगातार सख्ती की जा रही है। इसी कड़ी में बलौदाबाजार वनमण्डल अंतर्गत सिमगा परिक्षेत्र में अवैध शिकारियों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की गई है। इस कार्रवाई में वन विभाग की टीम ने कचलोन बीट से एक आरोपी को गिरफ्तार किया है, जबकि 12 आरोपी फरार हैं, जिनकी तलाश जारी है।

वन मंत्री श्री केदार कश्यप के निर्देश पर की गई इस कार्रवाई में वनमण्डलाधिकारी श्री गणवीर धम्मशील के मार्गदर्शन और उपवनमण्डलाधिकारी श्री निश्चल शुक्ला तथा परिक्षेत्र अधिकारी श्री बसंत खांडेकर के नेतृत्व में विभागीय टीम ने जंगल में दबिश दी। मौके पर पकड़े गए आरोपी से जंगली सुवर का मांस, कत्तल, हंसिया, जंगली सुवर की अंतड़ी, जी.आई. तार, विद्युत तार एवं खूंटियां बरामद की गईं। बरामद सामग्री से स्पष्ट हुआ कि आरोपी संगठित रूप से अवैध शिकार में संलिप्त थे और लंबे समय से इस गतिविधि को अंजाम दे रहे थे।

गिरफ्तार आरोपी परमानंद निषाद (आयु 40 वर्ष, निवासी कचलोन) के खिलाफ वन्य प्राणी संरक्षण अधिनियम 1972 एवं संशोधन अधिनियम 2022 की विभिन्न धाराओं के तहत प्रकरण दर्ज किया गया है। उसके खिलाफ अपराध क्रमांक 1966/13 दिनांक 25 अगस्त 2025 कायम किया गया है। वहीं अन्य फरार आरोपियों की पहचान कर उनकी तलाश जारी है।

अवैध शिकार पर सख्ती

वनमण्डलाधिकारी श्री गणवीर धम्मशील ने कहा कि वन्य प्राणी हमारे पर्यावरण एवं पारिस्थितिकीय संतुलन के लिए अत्यंत आवश्यक हैं। उनके अस्तित्व से ही जैव विविधता और पारिस्थितिकी का संरक्षण संभव है। उन्होंने चेतावनी दी कि अवैध शिकार जैसे वन अपराधों के खिलाफ कठोरतम कार्रवाई की जाएगी। साथ ही आम नागरिकों और ग्रामीणों से अपील की कि वे किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना तत्काल विभाग को दें और वन्यजीव संरक्षण की इस मुहिम में सहयोग करें।

कार्रवाई में जुटी बड़ी टीम

इस कार्रवाई में प्रशिक्षु वनपरिक्षेत्र अधिकारी श्री अनिरुद्ध कश्यप, उपवनक्षेत्रपाल श्रीमती सरिता एक्का, वनरक्षक रजनीश वर्मा, मनबोधन टंडन, वनपाल संतराम कुंद्रे, वनरक्षक राकेश ध्रुव, गोविंद सिंह पटले, वन चौकीदार इमेश्वर शर्मा सहित विभागीय अमला और सुरक्षा कर्मियों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। टीम ने न सिर्फ मौके पर साक्ष्य इकट्ठा किए, बल्कि जंगल के अलग-अलग हिस्सों में तलाशी अभियान भी चलाया।

संगठित गिरोह का पर्दाफाश

जांच से यह भी सामने आया है कि आरोपी अकेले नहीं बल्कि संगठित गिरोह बनाकर इस अवैध धंधे में सक्रिय थे। वे शिकार के बाद मांस को गांवों और आसपास के इलाकों में बेचने की योजना बना रहे थे। बरामद किए गए विद्युत तार और खूंटियां इस बात की ओर संकेत करती हैं कि जंगली जानवरों को फंसाने और मारने के लिए वे जानलेवा तरीकों का इस्तेमाल कर रहे थे।

वन्यजीव संरक्षण की चुनौती

छत्तीसगढ़ जैसे राज्य, जहां जंगल और वन्यजीवों की प्रचुरता है, वहां अवैध शिकार सबसे बड़ी चुनौतियों में से एक है। आए दिन इस तरह की घटनाओं से यह स्पष्ट होता है कि संगठित शिकारी गिरोह लगातार सक्रिय हैं। हालांकि, वन विभाग की सतर्कता और ग्रामीणों की सूचना देने की तत्परता से कई मामलों का खुलासा हो चुका है।

वन विभाग मानता है कि केवल विभागीय अमले की मेहनत से इस समस्या का समाधान संभव नहीं है, बल्कि स्थानीय लोगों की भागीदारी भी उतनी ही जरूरी है। ग्रामीण यदि समय रहते विभाग को जानकारी दें तो ऐसे कई अपराध रोके जा सकते हैं।

सख्त कार्रवाई का संदेश

इस ताजा कार्रवाई ने स्पष्ट संदेश दिया है कि राज्य सरकार और वन विभाग अवैध शिकार को किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं करेंगे। आरोपी चाहे कितना भी प्रभावशाली क्यों न हो, उसके खिलाफ कानून के तहत सख्त कदम उठाए जाएंगे। इस मामले में गिरफ्तार आरोपी परमानंद निषाद अब जेल की सलाखों के पीछे है, जबकि फरार आरोपियों को जल्द ही पकड़ने के लिए विशेष टीम गठित की गई है।

आमजन से अपील

वनमण्डलाधिकारी श्री गणवीर धम्मशील ने आम नागरिकों और विशेषकर जंगल से सटे गांवों के लोगों से अपील की है कि वे वन्यजीवों की सुरक्षा को अपनी जिम्मेदारी मानें। किसी भी संदिग्ध गतिविधि, जाल बिछाने, या शिकार की योजना की सूचना तुरंत विभागीय अधिकारियों को दें। इससे न केवल वन्यजीवों की सुरक्षा सुनिश्चित होगी बल्कि पर्यावरण संरक्षण में भी आम नागरिक की भागीदारी बढ़ेगी।


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